
प्रीतिश अनिल शर्मा
थांदला – झाबुआ जिले के थांदला और आसपास के ऐसे अनगिनत गांवों में अवैध शराब की गतिविधियाें पर आबकारी विभाग आज पर्यन्त तक अंकुश नही लगा पा रहा है । जब से यहां पर शराब ठेकेदार अपना कारोबार जमाये है शुरुआती दौर से गांव गांव अपनी दबंगाई दिखाते हुए पूरे क्षैत्र में अपने एजेंटों और शराब माफियाओं के माध्यम से जगह जगह शराब के अवैध कारोबार को जमाया गया है वही इस और आज ज्यादा तर नव युवाओं का रुझान बहुत बढ़ता दिखाई देने लगा है। झाबुआ के युवा पुलिस अधीक्षक अगम जैन के द्वारा अवैध कामों अवैध शराब माफियाओं पर कार्यवाही करने के कड़े निर्देश दिए गए लेकिन ऐसे संबंधित पुलिस थाने ,चौकी मैं पदस्थ जिम्मेदार अमला के द्वारा कोई भी सकारात्मक निष्पक्ष अवैध शराब माफियाओं, पर कार्यवाही नही की जा रही है बल्कि ऐसे अवैध कारोबार को बढ़ावा देने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही नहीं की जा रही है, वहीं जिला पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर झाबुआ के निर्देशों का पालन यहां पर होते बिल्कुल भी दिखाई नहीं दे रहा है। इस संपूर्ण क्षैत्र मैं देशी विदेशी शराब ठेकेदार अपनी मनमर्जी और दबंगाई से अपने अवैध शराब कारोबार को रात दिन बढ़ावा दें रहे हैं गांव गांव शराब की समानांतर दुकानें खोल दी गई है जिससे यहां का पूरा वातावरण शराब मय हो चुका है। अवैध शराब दुकान के गुर्गों के द्वारा नगर व आस-पास के क्षेत्रों में धड़ल्ले से दिन-रात अवैध शराब का परिवहन कर अवैध गतिविधियों को बढा रहे हैं। लगातार विरोध और लिखित शिकायत और मीडिया में शुर्खि में होने के बाद भी कार्यवाही न करने के पश्चात भी संबंधित जिम्मेदार आबकारी विभाग मौन धारण कर अवैध शराब कारोबार और इन माफियाओं के खिलाफ कभी भी निष्पक्ष उच्चस्तरीय कार्यवाही करते दिखाई नहीं दे रहा है। आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी है जिसके चलते इन अवैध शराब कारोबार मैं संलिप्त ठेकेदारों को थांदला नगर और गांव गांव देशी विदेशी शराब बिक्री की खुली छुट दी गई है। यहां पर चारो तरफ शराब ठेकेदार अपने गुर्गों के माध्यम से लाइसेंसी शराब दुकानों के अतिरिक्त ऐसी अनगिनत दुकानों का संचालन करवाया जा रहा है। आखिर इन ठेकेदार को किसका खुला संरक्षण प्राप्त है। थांदला थाने की जानकारी में होने के बावजूत टू व्हीलर,फोर व्हीलर वाहनों से धड़ल्ले से की जा रही दिन-रात अवैध शराब की गांव गांव सप्लाई थांदला नगर और आस पास के गांवों में आबकारी विभाग अमला की मौन स्वीकृति यह साफ जाहिर करती है कि थांदला शराब ठेकेदार को आबकारी विभाग के अधिकारियों का मिल रहा खुला समर्थन।
अब सवाल यह कि आखिर इस अवैध शराब कारोबार को कौन बढ़ावा दे रहा है जिसकी सहपर यहां पर गांव का शांति प्रिय माहौल को इन अवैध शराब कारोबार माफियाओं के द्वारा जहर घोला जा रहा है ?