
*पोषण माह के अंतर्गत काकनवानी सेक्टर में स्वास्थ्य एवं पोषण शिविरो का सफल आयोजन*
प्रीतिश अनिल शर्मा
थांदला – काकनवानी (नि.प्र.) महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त प्रयासों से “कुपोषण मुक्त झाबुआ” अभियान के अंतर्गत काकनवानी सेक्टर में विशेष स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया गया। इन शिविरों का मुख्य उद्देश्य जनजातीय समुदाय की महिलाओं, बच्चों, और वृद्धों के स्वास्थ्य परीक्षण, उपचार, और पोषण जागरूकता को बढ़ावा देना था। जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में इन शिविरों का आयोजन किया गया, जिनमें हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर और आंगनवाड़ी केंद्रों पर विशेष पोषाहार के साथ स्वास्थ्य जांच और परामर्श सेवाएं प्रदान की गईं। प्रतिमाह की 14 तारीख को आयोजित होने वाले इन स्वास्थ्य शिविरों में, महिलाओं, बच्चों और वृद्धों के रक्ताल्पता (एनीमिया), कुपोषण, सिकल सेल एनीमिया, दस्त, निमोनिया और अन्य बाल्यकालीन बीमारियों की जांच की गई। इन बीमारियों के उपचार संबंधी जानकारी दी गई और समुचित मार्गदर्शन प्रदान किया गया। पोषण माह के दौरान स्थानीय साग-भाजी वाटिका के महत्व और पोषक तत्वों की जानकारी विस्तारपूर्वक दी गई, साथ ही संतुलित आहार और स्थानीय संसाधनों के उपयोग से कुपोषण और एनीमिया जैसी समस्याओं से निपटने पर जोर दिया गया।आकांक्षी विकासखंड के सूचकांकों में सुधार के उद्देश्य से ग्रामीण महिलाओं को शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए जागरूक किया गया। आईसीडीएस और अन्य स्वास्थ्य योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी गई, जिससे समुदाय इन योजनाओं का अधिकाधिक लाभ उठा सके।
सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी श्रीमती ललिता वसुनिया, सुश्री बसंती सिंगाड़िया, श्रीमती दिव्या निनामा, श्री अनिल यादव, सुश्री नीलिमा डोडियार ,शोभा मालीवाड एएनएम श्रीमती संतोषी नाईक लाली बामनिया ममता मकवाना रेणु खराड़ी जेला भेदी निर्मला मोरे और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता जैसे रुपल चारेल, रमिला भूरिया, रेखा पारगी, शांति भूरिया और मीना डामोर सहित अन्य सभी आंगनवाडी कार्यकर्ता ने सक्रिय रूप से अपनी सेवाएं दीं। स्थानीय आशा कार्यकर्ता श्रीमती कमला झनिया, दुर्गा चौहान, और कविता डामोर ने भी स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इन शिविरो का समन्वय आईसीडीएस की पर्यवेक्षिका श्रीमती वंदना डामोर, सुश्री रीना गनावा, और स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी पर्यवेक्षक श्री प्रवीण धमानिया द्वारा किया गया। उन्होंने शिविर की गुणवत्ता सुनिश्चित की और समुदाय को स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान की। शिविरो में जनजातीय समुदाय में स्वास्थ्य और पोषण सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। कुपोषण और एनीमिया जैसी बीमारियों से निपटने के लिए समुदाय को आवश्यक सेवाएं और जानकारी प्रदान की गईं। इसके साथ ही, संचारी और गैर-संचारी बीमारियों का चिन्हांकन किया गया, सुरक्षित प्रसव के लिए गर्भवती महिलाओं की जांच की गई और बाल्यकालीन बीमारियों से ग्रसित बच्चों को उचित उपचार और स्वास्थ्य शिक्षा दी गई।