झाबुआ

*स्टार हेल्थ एंड अलाईड इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने इंश्यारेंस देने से किया मना, उपभोक्ता फोरम ने दिए यह आदेश*

प्रीतिश अनिल शर्मा
झाबुआ
। पीयुश पिता हिरालाल पटेल निवासी सिद्धेश्वर कॉलोनी, झाबुआ द्वारा स्टार हेल्थ एंड अलाईड इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, से एक फैमेली हेल्थ ऑप्टिमा इंश्योरेंस लिया था। उक्त पॉलिसी के अंतर्गत परिवादी, उसके पुत्र दिवित पटेल एवं अन्य की जोखिम ग्रहण की गई थी एवं पॉलिसी 31 मार्च 2023 से 30 मार्च 2024 तक के लिए प्रभावी थी। माह अगस्त 2023 में परिवादी के पुत्र अवयस्क दिवित पटेल को डेंगू तेज बुखार आने के कारण गीतांजली चिल्ड्रन हॉस्पिटल एवं निओनेटल केयर, दाहोद गुजरात ले जाया गया। जहाँ डॉक्टर धनवी द्वारा परिवादी के पुत्र की जाँच करवायी गयी जिसमें डेंगू फीवर होना पाया गया एवं डॉक्टर के द्वारा परिवादी के पुत्र को हॉस्पिटल में 29 अगस्त 2023 से 02 नवम्बर 2023 तक भर्ती कर उपचार किया गया।
परिवादी ने अपने पुत्र के उपरोक्त हॉस्पिटल में भर्ती होने की सूचना विपक्षी बीमा कंपनी को दी थी। परिवादी के पुत्र को उक्त अवधि में उपचार में कुल राशि रु. 26,974/- व्यय हुए। परिवादी ने अपने पुत्र के उपचार में व्यय हुई राशि के मेडिकल दस्तावेज एवं हॉस्पिटल के असल बिल सहित विपक्षी बीमा कंपनी के समक्ष बीमा दावा प्रस्तुत किया, जिस पर विपक्षी बीमा कंपनी ने दावा दर्ज किया।परिवादी के द्वारा दावा राशि की अदायगी हेतु विपक्षी बीमा कंपनी को कई बार कहा गया , परंतु विपक्षी बीमा कंपनी ने कोई जवाब नहीं दिया एवं परिवादी के बीमा दावे को निरस्त कर दिया गया। इस तरह विपक्षी बीमा कंपनी ने परिवादी को बीमा दावे का भुगतान नहीं करके एवं बीमा दावे को उचित आधारों के बिना निरस्त करके सेवा में कमी की है।
विपक्षी बीमा कंपनी ने बिना किसी उचित कारण के परिवादी को उसके पुत्र के उपचार में व्यय की गई राशि का भुगतान करने से इंकार करके सेवा में कमी की है। इस तरह परिवादी विपक्षी बीमा कंपनी की ओर से सेवा में कमी किये जाने के तथ्य को प्रमाणित करने में सफल रहा है, जिसके परिणामस्वरुप परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद विपक्षी बीमा कंपनी के विरुद्ध स्वीकार कर आदेश पारित किया गया कि विपक्षी बीमा कंपनी परिवादी को उसके पुत्र के उपचार में व्यय की गई राशि रु. 26,974/- (छब्बीस हजार नौ सौ चौहत्तर रुपये) का भुगतान केस दर्ज करने की दिनांक तक 6 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज सहित परिवादी को मानसिक त्रास हेतु रु. 3,000/- (अंकन तीन हजार) और परिवाद व्यय रु. 2,000/-(अंकन दो हजार) अदा करने का आदेश किया।

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