झाबुआथांदला

*अर्ध शतक से तीन कदम दूर प्रशान्त उपाध्याय,47 बार किया रक्तदान*

प्रीतिश अनिल शर्मा


थांदला रक्तदान एक महादान है खून की कमी से होने वाली मौतों को रोकने के साथ ही कई जिंदगी को बचाने के लिए 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस का आयोजन किया जाता है। इस क्रम में झाबुआ जिले के थांदला तेहसिल निवासी श्री प्रशान्त उपाध्याय द्वारा रक्तदाता के रूप में सराहनीय योगदान दिया जा रहा है श्री उपाध्याय ने बुधवार को रक्तदाता दिवस के अवसर पर बताया कि वे अभी तक 47 बार रक्तदान कर चुके हैं। 18 वर्ष की उम्र से निरंतर रक्तदान कर रहे हैं.

श्री उपाध्याय बताते है कि उन्होंने 18 साल की उम्र में पहली बार रक्तदान किया था। इसके बाद यह सिलसिला लगातार जारी है।

श्री उपाध्याय मानते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति को रक्त दान करने हेतु आगे आना चाहिए। किसी के अनमोल जीवन को बचाने के लिए रक्तदान से बढ़कर और कोई पुण्य नहीं है। सभी स्वस्थ नागरिक 18 से 60 वर्ष तक सभी स्वस्थ नागरिक रक्तदान कर सकते है। रक्त एक ऐसी चीज है जो बनाया नहीं जा सकता है। रक्त की हर बूंद की कीमत अनमोल होती है। रक्तदान से पीढ़ित को जीवन दान मिल सकता है। इसीलिए समय-समय पर रक्तदान करना चाहिए।

श्री प्रशांत उपाध्याय ब्लड डोनेशन टिम थांदला 24×7 के संचालक और फाउंडर मेंबर भी है। ब्लड डोनेशन टिम थांदला 24×7 द्वारा अभी तक 1750 से अधिक बार रक्त दान करवा कर कई जिंदगीया बचाई गई हैं.ब्लड डोनेशन टिम मौत से जंग लड़ चुके सैकड़ों लोगों के लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं जिसके लिए टिम को कई बार सम्मनित किया जा चुका हैं।

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