धार

*ज्ञानवापी की तरह धार भोजशाला का भी होगा ASI सर्वे*

प्रीतिश अनिल शर्मा

धार– मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने ज्ञानवापी की तर्ज पर धार भोजशाला का सर्वे कराने के आदेश दिए हैं। सोमवार को इस मुद्दे पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) को 5 एक्सपर्ट की टीम बनाने को कहा है। इस टीम को 6 सप्ताह में रिपोर्ट सौंपनी होगी।

बता दें कि अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने मामले को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने आदेश की कॉपी के साथ लिखा है कि “मध्य प्रदेश में भोजशाला/धार के एएसआई सर्वेक्षण के लिए मेरे अनुरोध को इंदौर उच्च न्यायालय ने अनुमति दे दी है…”। गौरतलब है कि हिंदू पक्ष की ओर से इसका पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की मांग की गई थी। जिस पर इंदौर हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, हिंदू पक्ष ने यहां होने वाली नमाज पर भी रोक लगाने की मांग की थी। यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई द्वारा संरक्षित स्मारक है, जिसका नाम राजा भोज पर रखा गया था।

धार की भोजशाला राजा भोज ने बनवाई थी। जिला प्रशासन की वेबसाइट के अनुसार यह एक यूनिवर्सिटी थी, जिसमें वाग्देवी की प्रतिमा स्थापित की गई थी। मुस्लिम शासक ने इसे मस्जिद में बदल दिया था। इसके अवशेष प्रसिद्ध मौलाना कमालुद्दीन मस्जिद में भी देखे जा सकते हैं। यह मस्जिद भोजशाला के कैंपस में ही स्थित है जबकि देवी प्रतिमा लंदन के म्यूजियम में रखी है।

भोजशाला में शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष को नमाज पढ़ने के लिए दोपहर एक से तीन बजे तक प्रवेश दिया जाता है। वहीं मंगलवार को हिंदू पक्ष को पूजा-अर्चना करने की अनुमति है। दोनों पक्षों को इसके लिए नि:शुल्क प्रवेश है। बाकी के दिनों में एक रुपए का टिकट लगता है। इसके अलावा वसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा के लिए हिंदू पक्ष को पूरे दिन पूजा और हवन करने की अनुमति है।

हाईकोर्ट ने पूरे सर्वे की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा है कि GPR-GPS तरीके से इस वैज्ञानिक सर्वे को कराया जाए।

GPR का मतलब होता है ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार। यह जमीन के अंदर विभिन्न स्तरों की हकीकत जांचने की तकनीक है। इसमें रडार का उपयोग होता है। यह अदृश्य यानी छुपी वस्तुओं, संरचनाओं को सही तरीके से माप लेता है। इसी तरह ग्लोबल पॉजिशनिंग सिस्टम यानी GPS के तहत भी सर्वे किया जाएगा।

हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने एक मई 2022 को इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि भोजशाला का पूर्ण आधिपत्य हिंदुओं को सौंपा जाए। हर मंगलवार को हिंदू भोजशाला में यज्ञ कर उसे पवित्र करते हैं और शुक्रवार को मुसलमान नमाज के नाम पर यज्ञ कुंड को अपवित्र कर देते हैं। इसे रोका जाना चाहिए। इसके साथ याचिका में भोजशाला की फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और खुदाई की मांग की गई। हाईकोर्ट ने इन बिंदुओं के आधार पर सर्वे की मांग स्वीकार कर ली है।

साल 2006, 2012 और 2016 में शुक्रवार को वसंत पंचमी आई तो विवाद की स्थिति बनी। वसंत पंचमी पर हिंदू पक्ष को पूजा जबकि शुक्रवार होने से मुस्लिमों को नमाज की अनुमति भी है। ऐसे में वसंत पंचमी शुक्रवार को आने पर समझाइश के बीच पूजा और नमाज दोनों करवाए जाते हैं। अगली बार ऐसी स्थिति 2026 में बन सकती है।

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