
झाबुआ जिले में प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम सुनील कुमार झा के द्वारा अमानवीय कृत्य का मामला सामने आया है.
रविवार की दोपहर तकरीबन 3:00 से 4:00 के बीच जनजाति विभाग के कन्या छात्रावास झाबुआ में निरीक्षण हेतु पहुंचे एसडीएम सुनील कुमार झा द्वारा नाबालिक छात्राओं से अश्लील हरकतें की गई. छात्रावास में पहुंचने पर एसडीएम सुनील कुमार झा द्वारा अधीक्षक को कक्ष से बाहर कर छात्राओं से अश्लील बातें की गई एसडीएम द्वारा कई प्रकार के द्विअर्थी प्रश्न जिनका सीधा-सीधा संबंध उनके व्यक्तिगत शारीरिक जीवन से होता है किए गए एवं छात्राओं अंतरंग अंगों को गलत भावना छुआ. जिसकी शिकायत कलेक्टर को करने पर शिकायत के आधार पर डीएसपी वर्षा सोलंकी के द्वारा जांच कर प्राइमरी रिपोर्ट पेश की गई डीएसपी वर्षा सोलंकी की रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम सुनील कुमार झा पर गलत तरीके से छात्राओं को छूना उनसे छेड़खानी एवं जनजातीय समुदाय की छात्रा होने के कारण उन पर एट्रोसिटी एक्ट की धारा 3(1)(w)(1)/83(1)(w)(2) लैंगिक अपराधों से बालकों का सरक्षण अधिनियम की धार 11 एवं 12 भा. द. स. की धारा 354 दर्ज कर एसडीएम सुनील कुमार झा को झाबुआ कोतवाली पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया साथ ही कलेक्टर के प्रतिवेदन के आधार पर इंदौर कमिश्नर द्वारा एसडीएम को निलंबित कर दिया गया है।
यह घटना महज एक घटना ही नहीं है अपितु उन हजार पालकों के विश्वास की है जो अपनी नौनिहाल बेटियों को प्रशासन के विश्वास पर छात्रावासो में दाखिला दिलवाते हैं क्या यह घटना उनके साथ विश्वासघात नहीं है? शासन प्रशासन को गंभीरता से इस घटना के बारे में सोचना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटना घटित ना हो और फिर किसी सुनील कुमार झा जैसे प्रशासनिक अधिकारी द्वारा ऐसा घोर निंदनीय कृत्य ना किया जा सके एवं जिले की बेटियां बेखौफ होकर अपनी पढ़ाई पूरी कर सके.