
थांदला
श्वान की हत्या मामले में हुई कार्रवाई नगर परिषद CMO निलंबित: 3 सफाईकर्मियों पर मामला दर्ज,मौत का आदेश देने वाली BJP नेत्री पर कारवाई की मांग
प्रीतिश अनिल शर्मा
थांदला– मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के थांदला में स्ट्रीट डॉग हत्या मामले में विवाद थमने का नाम नही ले रहा। इस मामले में थांदला नगर परिषद सीएमओ राजकुमार ठाकुर पर गाज गिरी है उन्हे निलंबित कर दिया गया है। बेरहमी से स्वान को लकड़ी डंडों से मौत के घाट उतारने वाले तीन सफाईकर्मी पर पशु क्रूरता अधिनियम 429 के तहत मामला दर्ज किया है। वहीं श्वान की मौत का आदेश जारी करने वाली बीजेपी महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष व पार्षद से पूछताछ जारी है। उनके खिलाफ कारवाई की मांग की जा रही है।।
थांदला में भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष व पार्षद भूमिका आशीष सोनी मूक पशु पर क्रूरता का कारण बनी हैं। श्वान के हमले से नाराज बीजेपी नेत्री भूमिका के आदेश पर नगर पंचायत कर्मियों ने दो श्वान को लाठी से पीटकर मौत के घाट उतार दिया। कर्मचारियों द्वारा बेरहमी से श्वान को मारने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
पार्षद भूमिका सोनी अपने किशोर बेटे के साथ बाइक पर जा रही थी। इसी दौरान दो कुत्ते बाइक के पीछे दौड़े थे जिस वजह से उनके बेटे का गाड़ी से नियंत्रण बिगड़ गया और मां और बेटा दोनों गिर गए।
कहा जा रहा है कि इस घटना से अपमानित महसूस करते हुए पार्षद ने थांदला नगर परिषद से कुत्ते को मारने का आदेश दिया। नगर परिषद के अप्रशिक्षित और निर्दयी कर्मियों ने पार्षद के आदेश का पालन करते हुए कुत्ते को मार डाला। दुखद रूप से एक महिला श्वान गर्भवती थी और स्थानीय लोगों द्वारा नियमित रूप से उसे दूध और बिस्किट खिलाए जा रहे थे। उसके पागल या आक्रामक होने का कोई संकेत नहीं था। इसके बावजूद, नगर प्रशासन के कर्मचारियों ने उसे बेरहमी से मार डाला।
इस घटना से आहत हो कर पुरे प्रदेश के डॉग लवर ने भाजपा नेत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
आए दिन होती रहती है ऐसी घटना
नगर में हर दिन आवारा पशु के कारण वाहन चालक गंभीर रूप से घायल हो रहे हैं परंतु नगर परिषद को बार-बार शिकायत करने के बावजूद परिषद ने कोई ठोस कार्रवाई करना उचित नहीं समझा। पशुपालको पर और पशु को पकड़ने हेतु आज तक नगर परिषद ने कोई समुचित कार्रवाई नहीं कि अगर नगर परिषद समय पर जागरूक हो जाता तो इस तरह की घटना घटित नहीं होकर दो श्वान अपनी आसामायक मौत से बच जाते। अभी भी वक्त है नगर परिषद आवारा पशुओं को पकड़ने की ठोस कार्य योजना बना कर इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावती को रोका जा सकता है। ताकि छोटे कर्मचारियो को राजनितिक दबाव में आकार ऐसे कृत्य करने के कारण अपनी रोजी रोटी से हाथ ना धोना पड़े।