
*12 सितंबर काला दिवस आज भी चीख पुकार याद कर दहल उठता है शहर छात्र-छात्राओं ने श्रद्धांजलि चौक पर फूल से रंगोली बनाकर देवगत आत्माओं को दी शद्धांजलि*
प्रधान संपादक प्रीतिश अनिल शर्मा
संवाददाता विनोद शर्मा
पेटलावाद – 12 सितंबर 2015 कयामत का दिन जिसने मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के पेटलावद को शमशान बनाकर रख दिया था 8 साल पहले का यह दिन जिसे याद करने के बाद आज भी लोगों की रूह काब जाती है आज वही 12 सितंबर है यह वही दिन है जो पेटलावद शहर के लोगों की जिंदगी में काला दिवस बनकर उभरा था इस दिन ने पेटलावद में एक हलचल पैदा कर दी थी 8 साल बाद यहां भले ही जिंदगी लगभग पटरी पर लौट चुकी हो लेकिन यह दिन हमेशा लोगों को याद रहेगा।
12 सितंबर 2015 का वह दिन जब किसी ने अपना बेटा खोया ,किसी ने भाई, किसी ने पति ,तो किसी के सर से बाप का साया ही उठ गया इस हादसे में 78 लोगों की जान गई और करीब 100 से ज्यादा लोग गंभीर घायल हुए थे घायलों में भी कितनों की जान गई होगी यह किसी को नहीं पता।
पेटलावद प्राइवेट व सरकारी स्कूलों की छात्र-छात्राओं ने श्रद्धांजलि चौक में जाकर सभी देवगन आत्माओं को फूलों माला चढाकर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।