
पेट्रोल डालकर जिंदा जलाई गई बी. एम. कालेज आफ फार्मेसी की प्रिंसिपल प्रो विमुक्ता शर्मा अंततः जिंदगी की लड़ाई हारी।
बीएम कालेज आफ फार्मेसी की प्रिंसिपल प्रो. विमुक्ता शर्मा अंततः जिंदगी की लड़ाई हार गईं। उन्होंने आज तड़के चार बजे चोइथराम अस्पताल में अंतिम सांस ली। 54 वर्षीय प्रो. विमुक्ता शर्मा को 20 फरवरी को एक पूर्व छात्र आशुतोष श्रीवास्तव द्वारा पेट्रोल डालकर बुरी तरह जला दिया गया था और वे तभी से अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही थीं।
प्रीतिश अनिल शर्मा
इंदौर। बीएम कालेज आफ फार्मेसी की प्रिंसिपल प्रो. विमुक्ता शर्मा अंततः जिंदगी की लड़ाई हार गईं। उन्होंने आज तड़के चार बजे चोइथराम अस्पताल में अंतिम सांस ली। 54 वर्षीय प्रो. विमुक्ता शर्मा को 20 फरवरी को एक पूर्व छात्र आशुतोष श्रीवास्तव द्वारा पेट्रोल डालकर बुरी तरह जला दिया गया था और वे तभी से अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही थीं। महिला प्राचार्य को जलाने वाले पूर्व छात्र को घटना वाले दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था।
जिंदगी के लिए पांच दिन संघर्ष करने के बाद प्रो. विमुक्ता शर्मा ने आखिरकार दम तोड़ दिया। फार्मेसी महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. शर्मा को सिमरोल थाना क्षेत्र में पेट्रोल डालकर जलाया गया था.पुलिस के अनुसार जांच में पता चला है कि पूर्व छात्र ने साजिश के तहत महिला प्राचार्य को पेट्रोल डालकर जलाया था। पूर्व छात्र को पुलिस ने मौके पर ले जाकर इस सनसनीखेज वारदात से जुड़े पूरे घटनाक्रम को अच्छे से समझा। इस मामले में पुलिस आरोपी को मानसिक तौर पर पूरी तरह स्वस्थ बता रही है। इससे पहले पूर्व छात्र से शुरुआती पूछताछ के बाद पुलिस ने वारदात की वजह बताते हुए कहा था कि उसने बीफार्मा की परीक्षा जुलाई 2022 में उत्तीर्ण की थी। इसके बाद अनेक बार मांगे जाने पर भी बीएम कॉलेज ऑफ फार्मेसी का प्रबंधन उसे उसका अंकपत्र नहीं दे रहा था। वहीं महाविद्यालय प्रबंधन पूर्व छात्र के इस दावे को गलत बता रहा है। प्रबंधन के अनुसार कई बार जानकारी देने के बाद भी अपना अंकपत्र लेने यह पूर्व छात्र आशुतोष श्रीवास्तव महाविद्यालय नहीं आया।मामले में कथित लापरवाही के चलते ASI संजीव तिवारी को भी निलंबित किया जा चुका है। जानकारी के अनुसार बीएम फार्मेसी कॉलेज की प्राचार्य की ओर से एक साल पहले 14 फरवरी 2022 को छात्र आशुतोष श्रीवास्तव के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। छात्र आत्महत्या की धमकी दे रहा था। इस मामले की जांच सिमरोल के एएसआई संजीव तिवारी को सौंपी गई थी लेकिन उन्होंने लापरवाही बरती। जांच के बाद उन्हें तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर रक्षित केंद्र महू में अटैच कर दिया गया है।