क्राइममध्यप्रदेश

*पुलिस की छोटी मोटी कार्यवाही के बाद भी बेखौफ चल रहा सट्टे का कारोबार*

थांदला : नगर में चल रहे सट्टा कारोबार पर रोक नहीं लग पा रही है। पुलिस कार्रवाई के नाम पर जब तब सटोरियों के खिलाफ धरपकड़ अभियान चलाती है लेकिन कुछ ही समय तक शांत होने के बाद यह अवैध कारोबार फिर शुरू हो जाता है। पुलिस की निगाह में भले ही सट्टा कारोबार बंद हो लेकिन हकीकत यह है कि नगर के विभिन्न इलाकों जैसे बस स्टैंड,M.G रोड, मुस्लिम गली, नवा पड़ा, चर्च मुहल्ला के साथ-साथ अब यह गांव देहात तक फैल चुका है। बिषबेल की तरह फैल चुके सट्टे और जल्द अमीर बनने की चाहत में गरीब और मजदूरी पेशा वर्ग बर्बाद हो रहे हैं। यहां तक कि बच्चे और युवा वर्ग भी खुल कर सट्टा लगा रहे हैं। जानकार लोगों का मानना है कि पुलिस से सेटिंग के चलते और सट्टे में लिप्त लोगों के पकड़े जाने पर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई न होना भी इस पर रोक न लगने की एक बड़ी वजह है। बहरहाल वजह चाहे कुछ भी हो, लेकिन क्षेत्र में सट्टे का कारोबार बदस्तूर जारी है।

मुस्लिम गली में खुले आम चल रहा सट्टा

पिछले दिनों सोशल मीडिया पर इस बारे में एक पूर्व पार्षद ने भी पुख्ता प्रमाण होने की पोस्ट डाली थी तथाकथित फर्जी डाक्टर पर सट्टे की खाईवाली के साथ अतिक्रमण करने का आरोप लगाया था जिस के बाद भी फर्जी डाक्टर पुलिस की गिरफ्त से बहार है,इससे लोगों में आक्रोश है जानकारी के अनुसार फर्जी डाक्टर पर कई तरह के अपराधिक मामले भी दर्ज है , सूत्रों के मुताबिक फर्जी डाक्टर सट्टे की खाई वाली के साथ और भी कई तरह के अनेतिक धंधे कर रहा हैं अपने घर के आस पास की जगह पर अतिक्रमण कर देर रात तक लड़कों को बिठाए रखता है जिससे वहां रहने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना भी करना पड़ता हैं। सट्टेबाज ने बकायदा अपने आसपास सीसीटीवी कैमरे का उपयोग कर अपने यहां आने वाले हर एक व्यक्ति पर नजर बनाए है बकायदा चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे पर यह निगरानी करते हैं और खुलेआम अपना सट्टा मटका का खेल खिलाते हैं

लोगों को होना पड़ेगा जागरूक
सामाजिक कोढ़ बन चुके इस इस अवैध काम से बचने के लिये लोगों को खुद जागरूक होना पड़ेगा। कम समय और बिना मेहनत के सट्टे और मटके के इस खेल में नौजवान गलत रास्ते पर चल पढ़े हैं और युवा पीढ़ी इसमें फंसती जा रही हैं। अंको के इस जाल में छात्र, नवयुवक, बेरोजग़ार, मज़दूर वर्ग अधिक प्रभावित हो रहे हैं और किस्मत के भरोसे अपना सबकुछ गंवा रहे हैं। सट्टे के इस कारोबार को रोकने के लिये पुलिस प्रशासन के साथ साथ आम नागरिक और जनप्रतिनिधियों को भी आगे आना पड़ेगा।

ज़रूरत है बड़ी कार्यवाही की
सटोरियों पर की जाने वाली कार्यवाही में अधिकांश प्रकरणों में सज़ा जुर्माना के तौर पर होती है जिसका फायदा क्षेत्र के खाइवाल उठा रहे हैं। पहले तो धरपकड़ नहीं की जाती, और अगर उच्चाधिकारियों के अभियान में किसी को पकड़ भी लिया जाये तो अधिकांश जुए की धारा में जेल भेजे जाते हैं। शायद यही कारण है सटोरियों में कानून का कोई भय नहीं होता। खाकी की ओर से अनदेखी जारी है जिससे सट्टा कारोबारियों के हौंसले बुलन्द हैं।

अधिकांश अड्डे पुलिस के संज्ञान में है पर कार्यावाही शून्य जिससे संरक्षण की बात सामने आती हैं। पुलिस की कार्यावाही सट्टे के धंधे पर अंकुश लगाने में नाकाफी साबित हो रही है। क्षेत्र के सटोरियों पर कड़ी कार्यवाही की ज़रूरत है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!