थांदलामध्यप्रदेश

*थांदला विकास खंड में नवभारत साक्षरता अभियान के तहत मूल्यांकन परीक्षा 126 केंद्रों पर संपन्न, परीक्षा में हजारों परीक्षार्थी शामिल हुए*

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*(वीडियो में देखिए एसडीएम और जिला प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी ने परीक्षा देने आए दुल्हे का किया सम्मान)*
प्रीतिश अनिल शर्मा
थांदला
– कलेक्टर रजनी सिंह के निर्देशन और सीईओ अमन वैष्णव के मार्गदर्शन में नव भारत साक्षरता अभियान के तहत आज होने वाली मूल्यांकन परीक्षा में थांदला विकासखंड में 126 केंद्रों पर हजारो परीक्षार्थीयो ने परीक्षा दी। 15 वर्ष से अधिक उम्र के असाक्षार लोगो को चिंहित कर परीक्षा ली गई। परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा सुबह 10बजे से शाम 5 बजे तक चली।
थांदला विकास खंड के नवापाड़ा फलिये में चल रही परीक्षा का एसडीएम तरुण जैन, एसडीओपी रविंद्र राठी, जिला प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी जगदीश सिसोदिया, बीआरसी संजय सिकरवार, बीईओ स्वरूप श्रीवास्तव, ब्लॉक साक्षारता प्रभारी अनिल शर्मा ने अवलोकन किया गया।

परीक्षा में विशेष बात यह रही कि एक दूल्हा शादी से पहले परीक्षा देने आया दूल्हे का परीक्षा को लेकर उत्साह देखकर एसडीएम सहित सभी अधिकारियों ने दूल्हे को शाल और श्रीफल देकर सम्मानित किया. परीक्षा में एक 70 वर्ष करीबन की बुजुर्ग महिला ने भी परीक्षा दी और सभी को सभी को यह संदेश दिया की पड़ने और सीखने की कोई उम्र नहीं होती।
एसडीएम तरुण जैन ने नव साक्षर परीक्षार्थीयो से गणित के कई प्रश्न किए, परिक्षार्थियों द्वारा सही जवाब देने पर सभी अधिकारियों द्वारा ताली बजा कर परिक्षार्थियों का उत्साह वर्धन किया गया।
जानकारी देते हुए जिला प्रौढ़ अधिकारी जगदीश सिसोदिया ने बताया कि जिले का दूसरा बड़ा लक्ष्य थांदला को मिला है। जहां 624 अक्षर साथियों की मदद से 9000 से अधिक लोगों को साक्षर बनाया गया है। 126 केंद्रों पर मूल्यांकन परीक्षाएं आयोजित की गई है। इन परीक्षाओं में शामिल होने वाले नागरिक काफी उत्साहित थे। साक्षर अभियान जिले में 4 चरणों में होने वाला है। पहले चरण में अक्षर ज्ञान दिया जा रहा है। जिसके बाद डिजिटल लिटरेसी का कार्यक्रम चलेगा। जिसमें मोबाइल एप नेट बैंकिंग आदि का ज्ञान भी दिया जाएगा।
नवसाक्षर थांदला ब्लॉक प्रभारी अनिल शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि इसके पूर्व प्रचार रथ के माध्यम से नागरिकों को जागृत किया गया। अक्षरता के कारण ग्रामीणों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अब साक्षर होने के बाद ग्रामीण जन अपने हितों की रक्षा भी कर सकेंगे।

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