थांदलाधार्मिकमध्यप्रदेश

थांदला में सकल जैन समाज में दिखा रोष, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के नाम सौपा ज्ञापन

@प्रीतिश अनिल शर्मा
श्री सम्मेद शिखर तीर्थ बचाओ आंदोलन को लेकर सकल जैन समाज ने थांदला में आज महारेली निकाली। हाल ही में जारी अधिसूचना को निरस्त करने की मांग को लेकर यह रैली निकली गई। रैली में जैन समाज के लोग हाथों में झंडा लिए नारे लगा रहे थे।

श्री सम्मेद शिखर तीर्थ बचाओ आंदोलन के अंतर्गत सकल जैन समाज ने बुधवार को महारेली निकाली। सकल जैन समाज थांदला ने शाश्वत तीर्थ श्री सम्मेद शिखर को वन्य जीव अभ्यारण का एक भाग घोषित करने, इको सेंसिटिव जॉन के अंतर्गत पर्यावरण पर्यटन व अन्य गैर धार्मिक गतिविधियों की अनुमति देने वाली अधिसूचना 2795 (ई) जारी करने के विरोध में महारेली निकाल कर अधिसूचना को निरस्त करने को मांग की। सकल जैन समाज ने मामले को लेकर एसडीएम क़ो ज्ञापन दिया। महारेली आजाद चौक से प्रारंभ होकर थांदला नगर के मुख्य मार्गो से होते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंची। महारैली में सकल जैन समाज के बालक, बालिकाएं, महिलाएं व पुरुष हाथो में जैन ध्वज के साथ नारे लगाते हुए चल रहे थे। महारैली के माध्यम से हजारों जैन धर्मावलंबियों ने एसडीएम कार्यालय पर पहुंचकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया।

हजारों की संख्या में पहुंची विशाल रैली
ज्ञापन में बताया की झारखण्ड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा शाश्वत तीर्थ सम्मेद शिखर जी को वन्य जीव अभ्यारण का एक भाग घोषित कर इको सेंसिटिव जॉन के अंतर्गत पर्यावरण पर्यटन व अन्य गैर धार्मिक गतिविधियों की अनुमति देने वाली अधिसूचना क्र. 2795 (ई) बिना जैन समाज से आपत्ति या सुझाव लिए जारी की थी। जिसका सम्पूर्ण देश का जैन समाज विरोध करता है। सम्मेद शिखर की पवित्रता और स्वतंत्र पहचान को नष्ट करने के लिए झारखण्ड सरकार की अनुसंशा पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा जारी गजट को रद्द करवाकर पर्वतराज और मधुबन को पवित्र जैन तीर्थस्थल घोषित करने की सरकार से मांग की। ज्ञापन के माध्यम से जैन धर्म के बीस तीर्थंकारो एवं करोड़ो मुनियों की निर्वाण स्थली होने के कारण श्री सम्मेद शिखर का कण-कण समस्त जैन समाज के लिए पूजनीय एवं वंदनीय है। शाश्वत जैन तीर्थराज श्री सम्मेद शिखर के संरक्षण, पवित्रता और स्वतंत्र पहचान देने की मांग की गई। ज्ञापन देने वालों में सकल जैन समाज की सभी संस्थाओं के पदाधिकारियों सहित हजारों जैन धर्मावलंबी मौजूद थे।

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