
थांदला:श्रावण मास के आखिरी सोमवार शाही ठाठ-बाट से निकली बाबा काशी विश्वनाथ की सवारी
थांदला : परंपरागत मार्ग से धूमधाम से निकले बाबा काशी विश्वनाथ, जगह-जगह पुष्पवर्षा से हुआ स्वागत
सावन मास के आखरी सोमवार को तिलक ग्रुप एवं युवा रामायण मित्र मंडल के द्वारा परंपरा अनुसार इस वर्ष भी भव्य रूप से भगवान काशी विश्वनाथ शाही सवारी निकाली गई।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर से शाम 4.30 बजे काशी विश्वनाथ की पालकी नगर भ्रमण के लिए रवाना हुई। शाही सवारी को लेकर पुलिस की ओर से भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए.
धर्म नगरी कहे जाने वाले थांदला नगर में बाबा विश्वनाथ की शाही सवारी का अलग ही आनंद है। आखरी सावन सोमवार पर भक्ति का सैलाब सड़कों पर होता है। इस ही क्रम मे आज परंपरा अनुसार श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भगवान काशी विश्वनाथ की पूजन-अर्चन कर मंदिर के मुख्य द्वार से भगवान काशी विश्वनाथ की शाही सवारी सुरू हुईं।
भगवान काशी विश्वनाथ आकर्षक शृंगार से सुशोभित किया गया था। शाही सवारी में आदिवासी अंचल से आए कलाकारों ने भी लोक नृत्य के रंग बिखेरे,
अखाड़ों के करतब : शाही सवारी में थांदला का रामदेव दल अखाड़ा भी विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। अखाड़े के कलाकारों के करतबों ने श्रद्धालुओं को दांतों तले अंगुली दबाने पर मजबूर कर दिया। अखाड़े के कलाकारों ने एक से बढ़कर एक हैरतअंगेज करतब दिखाएं। सवारी में मुख्य रुप से अश्वारोही , अखाड़ा , तासे, थांदला का लक्ष्मी बैंड, डमरु मंडल,डीजे, फूलो की तोप आकर्षण का केन्द्र रहीं।
शाही सवारी काशी विश्वनाथ मंदिर से रामजी मंदिर ,गवली मोहल्ला, से सवारियां सेठ मंदिर, अंबे माता चौराहा, आजाद चौक, पीपली चौराहा, गांधी चौक होते हुए पुन: काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंची, जहां महा आरती कर भोजनं प्रसादी के पश्चात शाही सवारी का समापन हुआ।।
सवारी को लेकर आमजन के साथ युवाओं और बच्चों में भी खासा उत्साह नजर आया।