
जैन मुनि श्री अन्तरंगसागर जी महराज के सिर पर लगी गम्भीर चोट – संथारा पूर्वक देवलोक गमन
#थांदला। जैन मुनि श्री अन्तरंगसागर जी महराज के सिर पर सीढ़ियों से नीचे आते समय अनायास पैर फिसल जाने से सिर पर गम्भीर चोट लग जाने से उनके दीक्षा प्रदाता गुरु मुनि श्री अमितसागरजी ने उनका अंतिम समय निकट जानकर आमरण समाधि प्रदान कर दिया था। विगत पाँच दिनॉन से पूज्य श्री का पण्डित मरण (अन्न-जल सहित समस्त क्रियाओं के त्याग के साथ) चल रहा था जो आज 1.30 पर सिझ गया। उनके देवलोक गमन के समाचार सुनते ही स्थानीय जैन समाज ने अपने प्रतिष्ठानों को बन्द रख कर जिनालय पहुँच कर नवकार महामंत्र के जाप किये।
उल्लेखनीय है कि 108 अंतरंगसागरजी महाराज ने तीन वर्ष पूर्व 108 लब्धिधारी मुनि श्री अमितसागरजी महाराज के समक्ष तारंगा (राजस्थान) में दिगम्बरी जैन भगवती दीक्षा ग्रहण की थी तभी से आप अभिग्रह पूर्वक तपस्या कर रहे थे ऐसे में उन पर आये मरणान्तिक परिषह को बिना आरंभिक शल्य क्रिया के सम भाव से सहन कर रहे थे। इस बार मुनिश्री का चातुर्मास गुरुदेब संग कोटा में था वही चातुर्मास के पश्चात विचरण करते हुए आप अपने गुरु व गुरु भ्राताओं के साथ राजस्थान के भरतपुर के समीप बयाना में पधारें थे।
मुनिश्री के संयमी जीवन के उत्कर्ष रूपी मोक्ष कामना एवं अंतिम दर्शन के लिए डूंगर मालवा के अनेक स्थानों से गुरु भक्त बयाना पहुँच रहे है वही थांदला दिगम्बर श्रीसंघ के महावीर मेहता, प्रदीप जैन (झांसी वालें), विजय भिमावत, शीतल बोबड़ा, आनन्द मिंडा, मनोज बोबड़ा, शरद मेहता सहित मुनि श्री का सांसारिक परिवार भी बयाना पहुँच गए है जहाँ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
उनके अनायास पण्डित मरण सहित देवलोक गमन पर स्थानीय थांदला संघ के अध्यक्ष अरुण कोठारी, श्वेताम्बर श्रीसंघ अध्यक्ष जितेंद्र घोड़ावत, सचिव प्रादीप गादिया, तेरापंथ सभा अध्यक्ष अरविंद रुनवाल, प्रवीण मेहता, मूर्तिपूजक संघ अध्यक्ष कमलेश दायजी, उमेश पीचा, आईजा मध्यप्रदेश प्रभारी पवन नाहर, राजेन्द्र पिण्डरमा, अनिल झांसी, दीपक पिण्डरमा, प्रियांक मेहता, संदेश बोबड़ा, इन्द्रवर्धन मेहता, संजय पिण्डरमा सहित जनप्रतिनिधियों व पत्रकारों ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए जिनेश्वर देव से शीघ्र मोक्ष की कामना की।