
*ई-KYC की राशी सुनिश्चित करो, एमजीजीएसके परियोजना का मानदेय दो और आयुष्मान,ईश्रम सहित बकाया राशि की मांग व मुख्यमंत्री द्वारा वीएलई को अपमानित किये जाने के खिलाफ 24,25 मार्च को राज्यव्यापी विरोध दिवस का किया आव्हान*
प्रीतिश अनिल शर्मा
प्रदेश के सभी 52 जिलों में सीएससी एकजुट होकर कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री व राज्यपाल के नाम सौपेंगे ज्ञापन।
सीएससी,एमजीजीएसके, एमपी ऑनलाइन वीएलई संघर्ष समिति मध्यप्रदेश के अपील पर 18 से 24 मार्च हड़ताल आह्ववान किया हुआ है। जिसका असर के वाई सी न होने पर साफ साफ दिख रहा है। स्टेट कोर कमेटी सदस्य मनोज रजक ने बताया कि सरकार वीएलई से नि:शुल्क कार्य करा रही है। ई के वाई सी कराने का दबाव बनाया जा रहा है। जिसके बदले सिर्फ 15 रुपये देना का आश्वासन दिया गया है। हमारा बिजली का खर्च, फ़ोटो कॉपी, नेट/डाटा का खर्च, दुकान किराया, फील्ड में जब जातें पेट्रोल खर्च आदि ऐसे अनेक कार्यों में रुपये खर्च हो रहा है। सरकार मुफ्त में कैम्प लगवा रही है हम अपनी सेवाएं देतें है पर इतने कम रुपये में हम अपना गुजरबसर नहीं कर सकतें है। इसलिए हम सब सीएससी विवश होकर हड़ताल पर है। क्योंकि हमारे पिछले अनुभव बतातें है कि सरकार ने अपना काम करा लिया लेकिन एक पैसा भी सीएससी को नही दिया है। महात्मा गांधी ग्राम सेवा केंद्र परियोजना के वीएलई/सख़ी को 30 माह का मानदेय आज तक एक रुपये भी नहीं मिला है इसी तरह आयुष्मान, ईश्रम व अन्य ऐसी कई योजनाओं की राशि भी वीएलई को नहीं मिली है। जबकि शासन ने वी एल ई से नि:शुल्क कार्य करवाया है। अभी सरकार जो केवायसी का 15 रुपये देने का कह रही है जो कि अपर्याप्त है लेकिन वी एल ई इसका भी कैसे भरोसा करें।
माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी के द्वारा भारी सभा मे वीएलई को पापी शब्द कहा,अपमानित किया है जिसका हम तीव्र विरोध करतें है। मुख्यमंत्री जी मप्र के सभी वीएलई से माफी मांगें।
विरोध दिवस की प्रमुख मांग-
●वीएलई से नि:शुल्क काम कराना बन्द करो।
● ई के वाई सी का सशुल्क राशि का निर्धारण करो व इसका तुरंत भुगतान करना सुनिश्चित करो।
● एमजीजीएसके 5000 वीएलई/सख़ी का का मानदेय व डीआई/बीआई बकाया वेतन का।भुगतान करो। ● आयुष्मान,ईश्रम कार्ड व अन्य योजनाओं का सारा पिछला बकाया राशि का भुगतान करो।
● वीएलई को डराना धमकाना, करना बन्द करो।
हम प्रदेशभर के सभी वीएलई साथिओं से अपील करतें है जिला स्तर पर होने वाले कार्यक्रम को अनुशासन व शांतिपूर्ण ढंग से सफल बनायें।