
प्रीतिश अनिल शर्मा
थांदला – छोटे काशी कहे जाने वाले थांदला नगर में फिल्टर युक्त पीने योग्य पानी तो आसानी से नहीं मिल पा रहा है, परंतु अवैध शराब हर गली कोने में अवश्य मिल जाता है। जिसके कारण अवैध शराब कारोबारियों की वजह से सैकड़ों परिवार बर्बाद हो चुके हैं।
शिकायत किए जाने के बावजूद ना ही आबकारी विभाग कोई कार्यवाही करता है और ना ही पुलिसिया कार्यवाही होती हैं, जिसके चलते अवैध शराब का विक्रय करने वालों के हौसले तो बुलंद हुए हैं। ठेकेदार इसी का फायदा उठाकर मजदूरों व बच्चों को शराब के नशे के दलदल में धकेल रहे है।
खुलेआम शहर के अधिकांश मुख्य मार्गों और ढाबों पर बिकती है शराब।- पेटलावद रोड़,बसस्टैंड,बायपास,जीप स्टैंड, चर्च गली, नवापाड़ा, लख्याखारी पेट्रोलपंप के आस पास और अधिकतर वार्डों में हर दूसरी दुकान पर अवेध शराब मिलती हैं और अवैध ठिकाने और ढाबे बने हुए हैं, जहां खुलेआम शराब परोसी जाती है, स्थिति इतनी विस्फोटक हो गई है कि कई युवा और मजदूर वर्ग तो सुबह से ही ठिकानों पर पहुंचकर अपनी गाढ़ी कमाई को नशे में झोंक रहे हैं। इसके बावजूद इन ठिकानों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।
थांदला नगर के हर क्षेत्र में नशे का कारोबार इस कदर धड़ल्ले से फल-फूल रहा है,इस बात का अंदाजा जगह-जगह सड़क पर डिस्पोजल, गिलास तथा शराब की खाली बोतलों को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है। वहीं, MG रोड़, कुमार मोहल्ले, बस स्टैंड, बायपास, पेटलावद रोड़, ऋतु राज कॉलोनी और कई मुख्य इलाकों में शाम को स्थिति इतनी विस्फोटक हो जाती है कि संभ्रांत परिवार के लोग आने-जाने से कतराने लगते हैं। आए दिन इन क्षेत्रों में शराबी नशे में लड़ते झगड़ते दिख ते हैं, इसके चलते यहां के स्थानीय निवासियों के बीच आक्रोश की स्थिति बनती चली जा रही है।
युवा और बच्चे भी हो रहे शिकार
इस पूरे मामले में बेहद गंभीर विषय यह है कि जगह-जगह बिकने वाली शराब पर किसी तरह की कार्यवाही नही होने के कारण युवाओं के साथ-साथ बच्चे भी नशे के आदी होते जा रहे हैं। इसके चलते कई स्वजन भी परेशान होने लगे हैं। नशे में तेज गति से वाहन चलाने पर क्षेत्र में आए दिन कई मौतें होती हैं, जिनमे अधिकतर युवा और नाबालिक बच्चें सामिल हैं। सब कुछ जानने के बावजूद भी इस मामले को लेकर जिम्मेदारों की चुप्पी भी उन्हें संदिग्धता के कठघरे में लाकर खड़ा कर रही है कि आखिर क्या वजह है इन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। नगर के मध्य और आस पास सुनसान इलाके तथा संकरे रास्ते रात के अंधेरे में मदिरा प्रेमियों के खास अड्डा बनते जा रहा है। मदिरा प्रेमियों को सुनसान क्षेत्र में खुलेआम बैठकर शराब पीते आसानी से देखे जा सकते हैं।
ग्रामीण इलाकों में भी शराब ने जमाई पैठ
बता दें कि ग्रामीण इलाकों में शराब ने इस कदर अपनी पैठ जमा ली है कि इसकी चपेट में युवा, और नाबालिग बच्चे भी आ रहे है. वहीं गांव में चल रहे अवैध शराब की बिक्री की वजह से इन्हें आसानी से शराब उपलब्ध हो जाता है। थांदला के आस पास के गांवों में ठेकेदार के पंडे (सफेद बुलैर) से शराब की सप्लाई कर रहे।ऐसे में पुलिस और आबकारी विभाग को इन पर शख्त कार्रवाई करने की आवश्कता है थांदला नगर से जुड़े हर गांव में सप्लायरो के द्वारा उनके ठिकाने पर (सफेद बुलैर) से शराब पहुचाने की शिकायत है.
घरों में बनती है अवैध शराब :
थांदला सहित ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध शराब का गोरखधंधा जोरों पर है, जगह-जगह ग्रामीणों को शराब बनाते हुए भी देखा जा सकता है। इन ग्रामीण क्षेत्रों में महुए की शराब बेहद प्रचलित भी है, और आसानी से मिलने वाली चीज भी, जिससे इसे शराब बनाने में सबसे उपयुक्त समझा जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में शराब का ठेका नही होने के बावजूद भी आसानी से हर दूसरी दूकान पर देसी व विदेशी मदिरा अवेध रूप से मिल जाती है।
यह क्षेत्र अभी नशा को लेकर चरम स्तर पर पहुंच गया है ,जिसके कारण पूरा क्षेत्र मदहोश नजर आ रहा है ठेकेदार ही बिकवा रहे हैं गली-गली गांव गांव अवैध शराब , गांवों में अवैध शराब निर्माण और अवेध बिक्री बेखौफ खुलेआम तौर पर कि जा रही है। जबकि इन गांवों के संबंधित थानों में पुलिसिया तंत्र के पास इन सारे गोरखधंधों की जानकारी पहले से मौजूद रहती है, परंतु फिर भी इस अवैध गोरखधंधे पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती हैं।